टोटका-01


"आइ आम नोट कंफर्टबल डूयिंग दिस" साक्षी ने बेचैनी से कहा"ओह कम ऑन" प्रेरणा खड़ी होती हुई बोली "फॉर अस?""चल ना यार" प्रेरणा का साथ देती हुईमहक भी उठ खड़ी हुई "हम सबने इस पर मिलकर फ़ैसला किया था. अब एंड मोमेंटपे हॅंड मत दे यार""यार मेरी क्या ज़रूरत है" साक्षी अब भी तैय्यार नही थी "तुम दोनो मिलकर कर लो ना""नही हो सकता यार" प्रेरणा ने कहा"मैने पहले भी बताया था कि इसके लिए 3 लड़कियों का होना ज़रूरी है एल्स इट्स नोट गॉना वर्क""यू गाइस हॅव सम्तिंग दट यू रियली वॉंट बट मुझे ऐसा कुच्छ नही चाहिए. आइ आम हॅपी आंड कॉंटेंट" साक्षी बोलीमहक : ओह कम ऑन डोंट गिव मी दट क्रॅप. एवेरिबडी वांट्स सम्तिंग, वन थिंग ओर अनदरसाक्षी : आइ डोंट
प्रेरणा : ओके फाइन देन डू दिस फॉर अस. ऐसे ही कोई विश कर ले. हम दोनो को जो चाहिए वो मिल जाएगा और तेरी विश बोनस हो जाएगीथोड़ी देर के लिए तीनो औरतें चुप हो गयी"कुच्छ पैसे ही माँग ले यार" थोड़ी देर बाद प्रेरणा बोली "आती लक्ष्मी किसे बुरी लगती है""ओके" आख़िर में साक्षी मान गयी"लेट्स गेट इट ओवर वित देन"वो तीनो इस वक़्त प्रेरणा के घर पे थी.कमरे में सारी लाइट्स ऑफ थी और बीच में कॅंडल्स का एक गोल से घेरे में जलाया गया था. प्रेरणा और महक पहले से ही गोल घेरे के बीच में बैठीथी जबकि साक्षी उनके साथ आने से घबरारही थी."आर यू शुवर दिस ईज़ सेफ?" एक आखरी बार साक्षी ने उन दोनो का मंन बदलने की कोशिश की"यस इट ईज़" प्रेरणा बोली "और वैसे भी हम कोशिश ही तो कर रहे हैं. हू नोसकि ये सच है के नही. सच हुआ तो हमें जो चाहिए वो मिल जाएगा, नही हुआ तो सबकुच्छ वैसा ही रहेगा जैसा कि है""ओके" साक्षी ने कहा और घेरे के अंदरआ गयी.ज़मीन पर चॉक से गोल घेरा बनाया गया था जिसके बीचो बीच घेरे को च्छुटा हुआ एक सितारा बना हुआ था. चॉक के उपेर गोल घेरे की ही शेप में कॅंडल्सजल रही थी और अंदर कुच्छ समान रखा हुआ था.

"ओके लेट्स स्टार्ट" प्रेरणा बोली"नाउ फॉर दिस टू वर्क, वी गॉटा ऑफर अवरसेल्व्स टू दा देविल. ऑफर और बॉडीस फॉर हिम टू टेक. अपना शरीर हमें शैतान को सौंपना है.देन ओन्ली ही ईज़ गोयिंग टू गिव अस और विशस वरना ये टोटका कभी काम नही करेगा""ओके" महक ने लंबी साँस लेते हुए कहाऔर उठ खड़ी हुई "आइ विल स्टार्ट"तीनो औरतों ने उस वक़्त एक गाउन पहनाहुआ था. महक खड़ी हुई सामने की तरफ सेअपना गाउन खोलकर उतारा और घेरे से बाहर फेंक दिया. गाउन के नीचे कुच्छ नही था. वो पूरी तरह से नंगी हो गयी.साक्षी ने अपनी बड़ी बहेन को यूँ अपने सामने नंगी देखा तो शरम से आँखें झुका ली पर प्रेरणा ने उपेर सेनीचे तक नज़र डालकर हल्के से सीटी बजाई."नाइस"महक के पूरे शरीर पर चर्बी का कहीं कोई नामो निशान नही था. तीनो बहनो में वो हमेशा सबसे पतली थी और उन मेंभी सबसे छ्होटी. जवान होने के बाद भी वो वैसे ही पतली रही. उठी हुई छ्होटी छ्होटी गोलाइयाँ , सपाट पेट, सुडोल टांगे."युवर टर्न" उसने प्रेरणा से कहाउसके बाद प्रेरणा खड़ी हुई और उसने भी अपना गाउन खोल कर घेरे से बाहर फेंक दिया.
साक्षी के मुक़ाबले प्रेरणा का जिस्म भरा हुआ था. तीनो बहनो में वो सबसे लंबी थी और हल्की सी मोटी भी परये मोटापा जैसे उसके आकर्षण को और भीबढ़ा रहा था. बड़ी बड़ी चूचियाँ जो अपने ही वज़न से नीचे को ढालकी हुई थी, भरे भरे कूल्हे और टांगे, हल्का सा निकला हुआ पेट."युवर टर्न साक्षी" महक साक्षी की तरफ देखते हुए बोलीसाक्षी के चेहरे से सॉफ ज़ाहिर था केयूँ 2 औरतों के सामने नंगी होते हुए उसे शरम आ रही थी पर वो जानती थी के अब पिछे हटना ना-मुमकिन था. अब उसे भी अपनी दोनो बहनो का साथ देना पड़ेगा. जब पहली बार प्रेरणा ने इस टोटके के बारे में बताया था तब भी उसने उन दोनो को मना किया था. पहली वजह ये थी के उसे इन सब बातों में यकीन ही नही था, दूसरी ये के समझ में इस सब को पाप माना जाता था. पुराने ज़माने में जो औरतें ऐसा करती थी, उनको विच या जादूगरनी कहकर ज़िंदा जला दिया जाता था. पर फिर अपनी दोनो बहनो के कहने पर उसने हथियार डाल दिएऔर उनका साथ देने को राज़ी हो गयी."कम ऑन साक्षी" महक बोली "हम भी तो देखें के हमारी छ्होटी बहेन जवान होकर कैसी दिखती है?"
"शट अप" साक्षी चिड़ते हुए बोली और उठ खड़ी हुई"रिलॅक्स स्वीटी" प्रेरणा बोली "तू इस वक़्त दो औरतों के सामने अपने कपड़े उतार रही है, किसी मर्द के सामने नही"साक्षी ने अपनी आँखें बंद की और गाउनउतार कर घेरे से बाहर फेंक दिया. अब तीनो औरतें पूरी तरह से नंगी थी.कमरे का महॉल एकदम जैसे अजीब सा हो गया. कॅंडल्स से उठता हुआ प्रकाश हवामें फेल रहा था और घेरे के बीच नंगी बैठी तीनो औरतों के जिस्म हल्की सी रोशनी में चमक रहे थे. प्रेरणा हाथ में एक किताब लिए कुच्छ मंत्रो का जाप कर रही थी जो उनमें से किसी को भी समझ नही आ रहे थे."टोटके का पहला पड़ाव हम पार कर चुकेहैं, यानी प्रेत-राज को खुश करने के लिए 3 तीन औरतें जो अपने शरीर को मर्ज़ी से उसके सुपुर्द कर रही है, अब दूसरा पड़ाव"कहकर उसने पास रखे एक बॅग में हाथ डाला और एक ज़िंदा मुर्गी निकाली."दूसरा पड़ाव, बलि"
"नही प्लीज़" साक्षी फ़ौरन बोल पड़ी.वो पहले से जानती थी कि बॅग में क्याहै और क्या होने वाला है पर जब उसके सामने ही प्रेरणा ने मुर्गी की गर्दन पर च्छुरा रखा तो वो बिचल गयी."शट अप साक्षी" इस बार महक बोली तो उसकी आवाज़ में वो कठोरता थी जो बचपनमें भी साक्षी को चुप करा देती थी.इस बार भी उसने अपनी गर्दन दूसरी तरफफिरा ली."हे प्रेत-राज" प्रेरणा किताब से पढ़ती हुई ऊँची आवाज़ में बोली"तुम्हारी दासियाँ तुम्हारी सेवा में ये बलि दे रही है, स्वीकार करो"और फिर च्छुरा तेज़ी से मुर्गी की गर्दन पर चलने लगा. टोटके के अनुसार ही प्रेरणा ने गर्दन थोड़ी सी काटी और मुर्गी को छ्चोड़ दिया. जान अभी बाकी थी, मुर्गी फ़ौरन तड़पति हुई इधर उधर भागने लगी. गर्दन से टपकता खून इधर उधर गिरने लगा. कुच्छ तीनो औरतों के शरीर पर गिरा.साक्षी ने जो अब तक दूसरी तरफ देख रही थी यूँ मुर्गी के छटपटाने से अपनी गर्दन घुमा कर देखा. घेरे के बीच खून बिखरा पड़ा था जिसके कुच्छ च्चिंटे खुद उसके शरीर पर भी थे. उसके मुँह से चीख निकल गयी."चुप" प्रेरणा ने फ़ौरन आगे बढ़कर उसके मुँह पर हाथ रख दिया "अब टोटके का तीसरा पड़ाव. अपनी स्वामी के लिए तीन दासियों की रास-लीला"
इससे पहले के साक्षी कुच्छ समझ पाती,प्रेरणा ने अपने होंठ आगे बढ़ाकर उसके होंठों पर रख दिए "क्या कर रही है" साक्षी ने फ़ौरन पिछे हटना चाहा पर ऐसा कर नही सकी. महक पहले से ही उसके पिछे आ बैठी और और उसके कंधो को पकड़ रखा था.दोनो बड़ी बहनो ने मिलकर साक्षी को ज़बरदस्ती नीचे लिटा दिया और उसके उपेर ऐसा चढ़ गयी जैसे उसको खा जाना चाहती हों.प्रेरणा झुकी हुई उसके होंठों को चूम रही थी . महक खुद साक्षी के साथ आकर हीज़मीन पर लेट गयी "क्या कर रही हो?" साक्षी बड़ी मुश्किल से बोल पाई "ष्ह्ह्ह्ह्ह" उसके होंठ चूमती प्रेरणा एक पल के लिए बोली "जस्ट एंजाय. हम दोनो तो पहले भी ये कर चुकीहैं एक बार, तेरी शादी से पहले"और उसके बाद वासना जैसे हवा में फेल गयी. तीन नंगी औरतों के जिस्म एक दूसरे से उलझते चले गये. साक्षी भी ज़्यादा देर तक ना नुकुर नही कर सकी. अपने जिस्म पर अपनी दोनो बहनो के हाथों ने उसके सबर का बाँध तोड़ दिया और उसने फ़ौरन आगे बढ़कर प्रेरणा को धक्का देकर नीचे गिरा दिया और खुद उसके उपेर आ गयी."थ्ट्स इट" प्रेरणा मुस्कुराते हुए बोली "थ्ट्स माइ हॉर्नी लील सिस्टर. नाउ शो मी व्हाट यू कॅन डू. ईट मी"साक्षी के लिए सिर्फ़ इशारा काफ़ी था. अगले आधे घंटे तक तीनो बहने एक दूसरेसे उलझी रही. ध्यान प्रेरणा की आवाज़से टूटा."लुक. उधर देखो"तीनो ने नज़र उठाकर घेरे से बाहर रखेएक नींबू की तरफ देखा जो पहले हरे रंग का था पर अब पूरी तरह लाल हो चुका था।
"टोटके का आखरी पड़ाव" कहते हुए प्रेरणा ने वहीं रखे एक बॅग से मुट्ठी भर राख निकाली और अपने जिस्म पर रगड़ते हुए ज़ोर से चिल्लाई."मैं चाहती हूँ के अकरम मुझे वापिस मिल जाए, फिर मेरी ज़िंदगी में आ जाए"उसकी देखा देखी महक ने भी अपने शरीर पर राख रगडी और चिल्लाई"मुझे एक बच्चा दे दो प्रेत राज. मुझे माँ बनना है, मेरी कोख भर दो"बारी साक्षी की थी. वो अब भी वासना कीमदहोशी में थी पर जब प्रेरणा ने इशारा किया तो उसने बॅग से मुट्ठी भरराख निकलाई और खुद पर रगड़ ली."मुझे पैसा चाहिए. 10 लाख रुपिये" उसके समझ में नही आया के क्या माँगे तो यही चिल्ला पड़ी.उस रात को गुज़रे एक हफ़्ता हो चुका था जब तीनो बहनो ने मिलकर उस टोटके को अंजाम दिया था. पर महक के दिमाग़ में इस वक़्त उस रात की जगह कल की रात चल रही थी. वो अब तक डरी सहमी अपने बिस्तर पर बैठी सोच रही थी के क्या करे


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