Tuesday, September 25, 2018

जिद (कहानी)

जिद (कहानी)
"पापा हर बार आप भाई का जन्मदिन इतने धूम धाम से मनाते हैं मेरा जन्मदिन भी आने वाला है।मुझे भी अपना जन्मदिन भाई के जन्मदिन की तरह मनाना है। "अभी अभी भाई के जन्मदिन का शानदार समारोह ख़त्म हुआ था ।नौ साल के नैना को अपना जन्मदिन भी भाई के जन्मदिन समारोह की तरह मनाने की बहुत ही इच्छा थी।उसने अपने जन्मदिन पार्टी को लेकर काफी सपने बुन रखे थे ,काफी कुछ सोच रखा था।अपने सारे दोस्तों को बुलाऊँगी !!!रेड गाउन पहनूँगी!!! बड़ा सा केक कटूँगी !!!डाँस करूँगी और सबके साथ खूब मस्ती करुँगी।!!! भाई के जन्मदिन पार्टी के समाप्त होने के बाद नैना जिद पर अड़ गयी थी।
"बोलिए न पापा इस बार मेरा जन्मदिन में भी ऐसी ही पार्टी होगी न।जबतक बताएँगे नहीं मैं स्कूल भी नहीं जाऊँगी ।" बालमन कहाँ मानने वाला था पूरी तरह जिद पर अड़ा था।पहलेतो पापा ने नैना की बात को अनसुना करते हुए टालने की कोशिश की पर जब नैना की जिद ज्यादा बढ़ गयी तो पापा का एक झन्नाटेदार थप्पड़ नैना के गाल पे पड़ा ।चिल्लाते हुए पापा बोले "तुम्हारा जन्मदिन मनाऊँगा तो फिर तुम्हारे दहेज़ के लिए पैसे कहाँ से लाऊँगा!!!!!"। लड़की हो तो लड़की की तरह रहना सीखो!!!।पापा के पाँचों उँगलियों के लाल निशान मासूम नैना के गाल पे थे ।
माँ ने बेटी का दर्द समझते हुए सीने से लगाते हुए कहा की" ये मर्दों के बनाया हुआ समाज है बेटी ,मर्दों के समाज में हमें उनके अनुसार जीना होगा ,लड़की होने के कारण हमें अपनी कई इच्छाओं को दबाना पड़ता है हमें अपने कई सपनों को मारना पड़ता है बेटी।" नौ साल की नैना माँ के आँचल में सुबक रही थी पर उसके मन में तूफान मचा हुआ था।वो अंदर ही अंदर एक कठिन फैसला ले रही थी और बुदबुदा रही थी मैं लड़की हूँ तो क्या हुआ अपने सपने को कभी मरने नहीं दूँगी।मेरा सपना जरूर पूरा होगा।
इसके बाद नैना ने कभी कोई जिद न की।उस घटना के बाद उसकी चंचलता और खुशियों की जगह ख़ामोशियाँ और गंभीरता ने ले ली ।भाई के नए कपडे हो या घर मे आने वाली मिठाईयों पे भाई का पहला अधिकार,अपने से ज्यादा मान सम्मान, किसी भी बात पे नैना कुछ ना बोलती।सब कुछ देखती और चुपचाप अपने पढ़ाई में मग्न रहती ।समय अपने पंख लगाकर उड़ता रहा।
सत्रह साल बाद अब नैना यूपीएससी की परीक्षा अच्छे अंको से निकालकर उसी शहर में कलेक्टर बनकर आयी ।
फिर नैना ने कलेक्टर आवास में अपना जन्मदिन बड़े धूम धाम से मनाया ।नैना के जन्मदिन समारोह में शिरकत करने वालेलोग अपने आप को खुशनसीब समझ रहे थे।बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ अभियान को बढ़ावा देनेकेलिये मुख्यमंत्री भी उस समारोह में आने वाले थे।मीडिया के लोग नैना के संघर्ष की कहानी लाइव प्रसारण करने में व्यस्त थे।
नैना से शादी के लिए बिना दहेज़ कई अच्छे खानदानों से रिश्ते आये हुए थे ।नैना के जन्मदिन समारोह में सारे मर्द बड़े अदब के साथ सर झुकाये खड़े थे जबकि नैना का भाई पढ़ाई को बहुत गंभीरता से न लेने से और माँ पिता के अधिक लाड़ प्यार की वजह से कुछ ना बन पाया अभी तक बेरोजगार था।।

नैना के पापा की आँखों में शर्मिन्दगी के आँसू थे पर नैना ने समारोह में सबके सामने अपने पापा को गले लगाते हुए कहा "पापा मेरी सारी सफलता का सारी श्रेय आपके उस थप्पड़ को और इस समाज को जाता है जो लड़का लड़की में भेद करना सिखाता है ।"
पापा का मुँह आश्चर्य से खुला रह गया उन्हें अच्छी तरह से समझ आ गया था कि बेटियाँ बोझ नही होती और वो भी खानदान का नाम ऊँचा कर सकती है......

साभार - फेसबुक

No comments:

Post a Comment

Featured Post

सिंह और गाय

  एक गाय घास चरने के लिए एक जंगल में चली गई। शाम ढलने के करीब थी। उसने देखा कि एक बाघ उसकी तरफ दबे पांव बढ़ रहा है। वह डर के मारे इधर-उधर भा...