अँधेरा -07

पंजाब का खूबसूरत दिलकश वातावरण । हरे भरे खेतों से गुजरती हुयी ठण्डी मस्त हवा । बढिया मौसम । साफ़ और निर्मल पानी इस क्षेत्र की पहचान थी । कम आबादी के बीच सुन्दर तन्दुरुस्त औरतों का नजारा यहाँ आम था । ये पंजाब की हरियाली में रंग बिरंगे फ़ूलों की तरह खिली मालूम होती थी । और अपने यौवनांगों से किसी फ़लदार वृक्ष की भांति लदी मालूम होती थी । अलग अलग साइज के मनमोहक विशाल नितम्बों और खूबसूरत गोल नोकीले स्तनों वाली लङकियाँ दिलोदिमाग में आदिम प्यार की लहर सी उठाती थी । पंजाब का खाना पीना भी बहुत बढिया था । मक्की । ईख । गुङ । दूध से बनी बहुत सी चीजों लस्सी । मक्खन । दही । देसी शुद्ध घी । मलाई आदि आराम से शुद्ध रूप में उपलब्ध थी । तमाम पंजाबी लोग सरसों का साग । पालक । गोभी । गाजर । मूली । शलजम । आलू मटर । चने भटूरे । राजमाह । सोयाबीन । पनीर आदि खाने के बहुत शौकीन थे । खायो पियो । मौज उङाओ । जिन्दगी का पूरा पूरा मजा लो । यहाँ का प्रमुख सिद्धांत था । पंजाब की औरतें पनीर की तरह गोरी नरम गरम और तन्दुरुस्त अहसास देने वाली थी । मर्द शराब पीने के बहुत शौकीन थे । चाहे अंग्रेजी हो । या देशी । वे शराब रोज पीते थे । पंजाब की लडकियाँ कम उमर में ही कमसिन और जवान लगने लगती थी ।ये शायद कुछ अजीव सी ही बात थी कि देश विदेश पूरी दुनियाँ घूम चुका प्रसून पंजाब पहली ही बार आया था । और आधुनिकता और पुरातनता के इस अनोखे खूबसूरत संगम से काफ़ी हद प्रभावित हुआ था । खास जब अधिकांश स्थानों की फ़िजा प्रदूषित हो चुकी थी । पंजाब अभी भी बहुत शुद्ध था । और जीवन की उमंगों से भरपूर था ।
वह पिछले तीन दिनों से यहाँ था । और अजीव सी उलझन में था । मनुष्य की सीधी साधी जिन्दगी में कितनी घटनायें हो सकती हैं । और उनके कितने प्रकार हो सकते हैं ? इसका वह अभी तक कोई निर्णय नहीं ले पाया था । और ये पहला दिलचस्प केस था । जिसमें व्यक्तिगत तौर पर उसकी खुद की दिलचस्पी जागी थी । और उसे हैरानी थी कि पिछले तीन दिनों में वह किसी भी निर्णय पर नहीं पहुँचा था । निर्णय पर पहुँचता तो तब । जब सामने कोई बात नजर आती । जस्सी एकदम सामान्य थी । और पिछले तीन दिनों से न सिर्फ़ आराम से सोयी थी । बल्कि उसने सभी रुटीन भी पूरे किये थे ।
तब यदि उसके बाधा क्षणों के शूट किये गये वीडियो क्लिप यदि राजवीर ने न बनाये होते । तो उसे यही लगता कि ये लोग किसी भूत प्रेत के भृम का शिकार हो गये हैं । और तब पहले तो वो यहाँ आता ही नहीं । और यदि आता भी तो उन्हें समझा बुझाकर तुरन्त लौट जाता । वीडियो क्लिप वाली जस्सी और इस बेहद खूबसूरत जस्सी की कहानी एकदम अलग अलग ही थी ।
उसने एक सिगरेट सुलगायी और जस्सी की तरफ़ गौर से देखा । शाम का समय था । और अब तक कुछ भी समझ में न आने से वह घूमने के उद्देश्य से जस्सी के साथ उसके खेतों की तरफ़ निकल आया था । करीना कपूर जैसे लुक वाली गगन कौर उसके साथ थी । क्या कमाल की कुङी थी जस्सी भी । लगता है । ये किसी औरत से पैदा न होकर सीधा आसमान से उतरी हो ।
किसी हाई क्वालिटी अंग्रेज गोरी के लुक वाली इस अनिद्ध सुन्दरी की बिल्लौरी आँखे एकदम गहरे हरे रंग की थी । जो संभवतः उसके बाप मनदीप की गहरी भूरी आँखों पर गयी थी । जबकि राजवीर की आँखें काली ही थी अत्यन्त तीखे नयन नक्श वाली दूध सी गोरी लम्बी तन्दुरुस्त जस्सी किसी एंगल से पंजाबी नहीं लगती थी । उसके लम्बे नागिन से लहराते बाल उसके घुटनों को छूते थे ।
गगन और जस्सी उससे दूर खङी थी । और शायद आपस में उसी के बारे में बातें कर रही थी । पर उसका पूरा ध्यान जस्सी और उसकी अदभुत समस्या पर ही केन्द्रित था । और अभी तक उसने सिर्फ़ इतना ही महसूस किया था कि उनकी कोठी पर किसी प्रकार की प्रेत छाया नहीं थी । जैसा कि राजवीर और करम कौर का ख्याल था । और जैसा कि अब इस दुनियाँ को रहस्यमय तरीके से अलविदा कह चुके ढोंगी बाबा गुरुदेव सिंह ने उन्हें जिन्न बाधा बताया था । जस्सी के कमरे में या उसकी खिङकी के पार भी कहीं कुछ नहीं था । जैसा कि उसे विवरण में बताया गया था । सबसे बङी बात जस्सी के दिमाग में कुछ नहीं था । जो कि उसने खुद देखा था । मगर उन वीडियो क्लिप में बहुत कुछ था । जो एन बाधा के वक्त किसी अज्ञात प्रेरणा से शूट हो गये थे । और प्रसून को एक नये खेल की चुनौती दे रहे थे ।
वह बखूबी जानता था । यदि इन क्लिप को किसी ऊँचे डाक्टर को दिखाया जाता । तो वो बिना किसी चेकअप के तुरन्त एक बीमारी की घोषणा कर देता - नींद में चलना । खुद उसका भी ख्याल कुछ कुछ ऐसा बनते बनते रह जाता था । पर उन क्लिप में जो वह देख रहा था । वो कोई डाक्टर शायद कभी न देख पाता । और वही तो अदभुत था । बेहद अदभुत ।
उसने आधी हो चुकी सिगरेट का अंतिम कश लिया । और सिगरेट को दूर उछाल दिया । फ़िर जब कोई बात उसे समझ में नहीं आयी । तो वह जवान लङकियों की दिलचस्प बातों में शामिल होने की जिज्ञासा लिये उनके पास आ गया । ये शायद पंजाव की फ़िजा का रोमांटिक प्रभाव था ।
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प्रसून जी ! जस्सी उसकी तरफ़ आकर्षित होकर मधुर स्वर में बोली - वैसे तो आप इंटरनेशनल पर्सन हो । पर पंजाब में । खास हमारे घर में । और हमारे ही सामने आपको मौजूद देखकर हम कितना ग्रेट फ़ील कर रहे हैं । शायद आप सोच भी नहीं सकते । ये चिकन वाली बोल रही है । प्लीज प्रसून जी से राजीव जी के बारे में कुछ पूछ ।
प्रसून यहाँ आने से कुछ ही पहले विदेश से लौटा था । उसके बाल कन्धों तक बङे हुये थे । किसी बर्फ़ीले स्थान में रहने के बाद उसकी गोरी रंगत किसी अंग्रेज के समान ही नजर आने लगी थी । और उसका लुक एकदम माइकल जेक्सन जैसा लग रहा था । जो लगभग उसी जैसे लुक वाली जस्सी को खासा आकर्षित कर रहा था । और चिकन वाली को सेक्सुअली एक्साइटिड कर रहा था । दोनों लङकियों ने उसे इम्प्रेस करने के लिये खासा सेक्सी परिधान पहना था । वे एक लूजर के साथ जींस पहने थी । उनके शर्ट से झलकते अधखुले उरोज मानों छलछलाकर बाहर निकलना चाहते थे ।
पर जब प्रसून ने इसका कोई नोटिस ही नहीं लिया । तो चिकन वाली खास तौर पर झुँझला गयी । और आदतानुसार चिढकर जस्सी से बोली - देख जस्सी । ये सालिआ मेरी बहुत इनसल्ट कर रहा है । ऐसा न हो कि ये कुछ और बात कर दे । नहीं तो मैं नाराज हो जाऊँगी । उदास हो जाऊँगी । निराश हो जाऊँगी । मैं रो पङूँगी । गुस्से में आकर इसका... काट दूँगी । टुईं.. टुईं । आई लव यू प्रसून बाबा ।तब जस्सी ने बङी मुश्किल से उसका मूड चेंज किया । और फ़िर जब प्रसून उनकी तरफ़ मुङा । तो दोनों के दिल में मीठी मीठी अनुभूति सी हुयी । गगन की दरार तो रोमांच से भर उठी ।
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मैं..मैं इंटरनेशनल पर्सन ! वह उलझता हुआ सा बोला - ये क्या बोल रही हो आप ? और ये मिस्टर राजीव जी कौन हैं ?
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क्या ? दोनों लगभग उछल ही पङी । उनके छक्के छूट गये - आप राजीव जी को नहीं जानते । एक मिनट । गगन कुछ सोचते हुये बोली - और मानसी और नीलेश को ?
प्रसून कुछ देर सोचता सा रहा । मानों कुछ याद कर रहा हो । फ़िर वह बोला - नो । इनको भी नहीं । मैंने यह नाम शायद पहली बार सुने हैं ।
अबकी बार तो वे दोनों हङबङा ही गयीं । तब अचानक गगन कौर को बहुत ही अक्ल की बात सूझी । और वह जस्सी को लेकर थोङी दूर हो गयी । और फ़ुसफ़ुसाकर बोली - ये सालिआ 100% नकली है । ढोंगी है । फ़्राड है । राजीव जी की वजह से प्रसून को पूरा पंजाब जानता है । दुनियाँ जानती है । और ये बोल रहा है कि राजीव जी को नहीं जानता ।
हालांकि जस्सी को उसकी बात में दम लगा । पर वह इस हैंडसम से बहुत आकर्षित थी । एक तरह से दिल ही दिल मर मिटी थी । सो उसे गगन की ये बात उस टाइम बिलकुल अच्छी नहीं लगी ।
और वह भी फ़ु्सफ़ुसाकर बोली - गगन । गगन तू अक्ल से काम ले । तूने कौन सा राजीव जी को देखा है । अभी तू खुद उनसे जाकर बोले - आप प्रसून जी को जानते हैं । और बह बोलें । कौन प्रसून जी ? हो सकता है । यह बात भी हो । वह बोलें । कौन राजीव जी ? डार्लिंग हमें इस घनचक्कर से क्या लेना है । जो सामने हैं । उसको पकङ ना । या उसका पकङ ना ।
ये बात गगन के दिल पर सीधा टकरायी । कोई भी हो सालिआ । इससे क्या लेना । बस उसका स्टेयरिंग घुमाना है । और फ़िर वो जवान भी है । हैण्डसम भी है । भाङ में जाये ये सी आई डी । कौन राजीव जी एण्ड कौन प्रसून जी ।
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अच्छा छोङिये । जस्सी अपनी सुरीली आवाज में बोली - आप यू पी से बिलांग करते हैं ।

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नो ! वह भावहीन स्वर में बोला - कर्नाटक बैंगलौर से । ऐड्रेस बोलूँ क्या ? और मैं कीट बैज्ञानिक हूँ । पर उसके बजाय मनोबिज्ञान में मेरी खास दिलचस्पी है । मैंने अपनी गर्ल फ़्रेंड मार्था के साथ प्रेतों पर भी काफ़ी टाइम रिसर्च किया । और इस निष्कर्ष पर पहुँचा । भूत प्रेत महज अंधविश्वास है । प्रेत के नाम पर मैंने आज तक एक चुहिया भी नहीं देखी । आप लोगों को अभी तक कोई ऐसा एक्सपीरियेंस हुआ है । हुआ हो । तो प्लीज प्लीज मुझे बताईये । प्लीज प्लीज..याद करने की कोशिश करो । यदि कुछ भी..प्रेत के नाम पर एक मच्छर भी साबित हो जाय । तो मेरा रिसर्च से जुङा बहुत बङा काम हो जायेगा । फ़िर मार्था मुझे कम से कम दो नाइट के लिये एंजाय करायेगी । और मैं ऐसा चाहता भी हूँ ।

दोनों हसीनाओं के पास मानों शब्द ही शेष नहीं थे । जो वे कुछ कह पाती । उन्हें ऐसा लग रहा था । मानों उनका मूड ही खराब हो गया हो । उन्हें प्रसून के शब्द सुनाई दे रहे थे । प्लीज..प्लीज..प्लीज ।
जस्सी की निगाह दूर टिमटिमाते बल्ब पर गयी । अंधेरा घिर चुका था । और वे तीनों साये से नजर आने लगे थे । खेतों के आसपास के वातावरण में रात्रिचर कीटों की विभिन्न विचित्र आवाजें गूँजने लगी थी ।
उसकी एकटक निगाह उस जलते बल्ब के लाल बिन्दु पर टिकी सी रह गयी थी । उसकी आँखें किसी प्रेत के समान ही स्थिर हो गयी थी । गगन उसकी हालत से एकदम अनभिज्ञ थी । जस्सी शून्य 0 में घूम रही थी । और उसे रिकार्ड पर अटकी सुई की भांति प्रसून का यही शब्द सुनाई दे रहा था - प्लीज .प्लीज प्लीज..
तब विलक्षण योगी रहस्यमय अन्दाज में मुस्कराया । उसका प्रयोग एकदम सफ़ल रहा था । जो घटना जो क्रिया उसके आने से उसके प्रभाव से समाप्त हो गयी थी । उसे वह वापिस ले आया था । और खास इसीलिये वह दोनों लङकियों के साथ यहाँ एकान्त में आया था । और अंधेरा होने का ही इंतजार कर रहा था । जस्सी कहाँ हैं । और क्या देख रही है ? ये सब उसके लिये अब खुली किताब पढने जैसा ही था ।
किसी शराबी की तरह झूमकर गिरती जस्सी को उसने गिरने से पहले ही बाँहों में थाम लिया । और किसी प्रेमिका की तरह अपनी बाँहों में भींच लिया । उसका ढीला ढाला लूजर उसके कन्धों से खिसक गया था । और उसके कठोर स्तन बाहर निकलकर प्रसून के सीने से दबे हुये थे । पर उस तरफ़ उसका कोई ध्यान न था । और वह किसी दीवाने के समान जस्सी के गालों से मुँह सटाये था । जस्सी की सांस बेतरह तेज चल रही थी । और उसके मुँह से हूँ हूँ हूँ की बहुत हल्की आवाज निकल रही थी । तब उसने जस्सी के होठों को अपने होठों में दबा लिया । और एक हाथ से उसके गोल गोल स्तनों को सहलाने लगा ।
गगन तो मानों भौचक्का ही रह गयी । उसके सारे बदन में चीटियाँ रेंगने लगी । उसका हाथ स्वयँ उसकी टाँगों के बीच जा पहुँचा । और स्वाभाविक ही वह अगले पल जस्सी और अपने साथ प्रसून के अभिसार की कल्पना करने लगी । पर वह बेहद हैरान थी । बीस मिनट से ऊपर होने जा रहे थे । और प्रसून उसी तरह जस्सी के होठों का रस पी रहा था । उसके स्तन मसल रहा था । नितम्बों को सहला रहा था । जस्सी तङप तङप कर उससे एकाकार होने को बेताब हो रही थी । पर ये उसे भी दिखाई नहीं दे रहा था कि वास्तव में वह अपने होश में ही नहीं थी ।
और उस समय तो उसे बेहद ताज्जुब हुआ । जब प्रसून ने जस्सी को उठाकर कार की सीट पर लिटाया । और उससे गगन जी बैठिये प्लीज बोला । तब उसने यही सोचा था कि वह कार की सीट पर सेक्स करने वाला है । पर उसके बैठते ही प्रसून ने गाङी स्टार्ट कर आगे बङा दी । जस्सी पीछे बेहोश पङी थी । और गगन जानबूझकर आगे उसके पास बैठी थी कि शायद प्रसून उसके साथ भी वैसा ही कुछ करने वाला है । पर उसने एक सिगरेट सुलगा ली थी । और आराम से सामने देखता हुआ ड्राइव कर रहा था । यहाँ तक झुँझलाकर गगन ने अपने स्तन लगभग बाहर कर लिये । और प्रसून से सटने लगी । पर वह जैसे वहाँ था ही नहीं । उसने कुछ झिझकते हुये से उसकी पेंट पर हाथ रख दिया । और वासना से भरी हुयी उसे टटोलने लगी । लेकिन उसे फ़िर भी कोई प्रतिक्रिया नजर नहीं आयी । तब उसने सोचा । वह साइलेंट गेम का ख्वाहिशमन्द हो रहा है । उसने अपनी शर्ट कन्धों से खिसका दी । और प्रसून की जिप खोल दी ।

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